जवाहरलाल नेहरू सांप्रदायिकता के घोर विरोधी और आलोचक थे। आज़ादी के संघर्ष के दौरान और विभाजन की विभीषिका के समय उन्होंने सांप्रदायिक उन्माद का घिनौना रूप अपनी आँखों से देखा था और वे लगातार आम जनता को सचेत करने सांप्रदायिकता के ख़तरों के खिलाफ अपनी भावनाएं व्यक्त करते रहते थे….
Read Moreमैं यहां किसी को बुरा-भला कहने नहीं खड़ा हुआ हूं, हमारा काम यह नहीं है। यहां मैं आपके सामने किसी एक दल की तरफ से, या किसी पार्टी की तरफ से नहीं खड़ा हुआ हूं। बल्कि आपके सामने एक मुसाफिर की तरह से, आपके एक हमसफर के रूप में, खड़ा हुआ हूं। इस मुल्क के […]
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