
जवाहरलाल नेहरू सांप्रदायिकता के घोर विरोधी और आलोचक थे। आज़ादी के संघर्ष के दौरान और विभाजन की विभीषिका के समय उन्होंने सांप्रदायिक उन्माद का घिनौना रूप अपनी आँखों से देखा था और वे लगातार आम जनता को सचेत करने सांप्रदायिकता के ख़तरों के खिलाफ अपनी भावनाएं व्यक्त करते रहते थे….