यहां देश के दो महान नेताओं के आपसी सम्बंध से जुड़े पत्राचार के अंश हैं। पं. नेहरू ने सरदार पटेल को
में शामिल करने हेतु पत्र भेजा, सरदार पटेल ने पत्र का जवाब किसी औपचारिकतावश नहीं लिखा था
बल्कि यह उन दोनों के साझे संघर्ष की प्रगाढ़ता थी ।
सरदार पटेल को मंत्रिमंडल में शामिल करने हेतु जो अनुरोध पत्र नेहरू ने पटेल को भेजा था उसके कुछ
अंश पढ़ें। नेहरू ने लिखा था-
”कुछ हद तक औपचारिकताएं निभाना जरूरी होने से मैं आपको मंत्रिमंडल में सम्मिलित होने का
निमंत्रण देने के लिए लिख रहा हूं। इस पत्र का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि आप तो मंत्रिमंडल के सुदृढ़
स्तंभ हैं।’
जब नेहरू ने सरदार पटेल को मंत्रिमंडल में उप प्रधानमंत्री के रूप में शामिल किया तो उन्होंने अपने
एक कनिष्ठ सहकर्मी को सहयोग देना सहर्ष स्वीकार कर लिया। नेहरू ने स्वयं भी अहसास किया कि
उनका प्रधानमंत्री बनना सरदार पटेल की उदारता के कारण ही संभव हो सका।
इस पत्र के जवाब में पटेल ने 3 अगस्त को नेहरू के पत्र के जवाब में लिखा-
” आपके 1 अगस्त के पत्र के लिए अनेक धन्यवाद। एक-दूसरे के प्रति हमारा जो अनुराग और प्रेम रहा है
तथा लगभग 30 वर्ष की हमारी जो अखंड मित्रता है, उसे देखते हुए औपचारिकता के लिए कोई स्थान
नहीं रह जाता। आशा है कि मेरी सेवाएं बाकी के जीवन के लिए आपके अधीन रहेंगी। आपको उस ध्येय
की सिद्धि के लिए मेरी शुद्ध और संपूर्ण वफादारी औऱ निष्ठा प्राप्त होगी, जिसके लिए आपके जैसा त्याग
और बलिदान भारत के अन्य किसी पुरुष ने नहीं किया है। हमारा सम्मिलन और संयोजन अटूट और
अखंड है और उसी में हमारी शक्ति निहित है। आपने अपने पत्र में मेरे लिए जो भावनाएं व्यक्त की हैं,
उसके लिए मैं आपका कृतज्ञ हूं।”